एक छांव तले हम दोस्त बने
कुछ देर साथ बैठे
बातें ki
खाना बांटा
खेल खेले
ऐसे दिन बीता रात गई
नई सुबह हुयी
नए रस्ते मिले
इस उम्मीद संग अलग चले
के कहीं किसी छांव तले
हमारे रास्ते फिर मिलेंगे
Monday, February 02, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment