I woke up to a deep blue sky over dark blue mountains. To say the least, it was mystic.
कुछ पंक्तियाँ
कभी सफ़ेद कभी नीले कभी हरे
कभी सुबह की लाली
इन पहाडों की छटा निराली
मैं निहारूं आँखें फैलाये
कभी पुलकित
कभी मुस्काए
इतनी सुन्दरता इन पहाडों मैं
की मेरी आँखें छोटी पड़ जायें
मेरी आँखें छोटी पड़ जायें
Monday, February 09, 2009
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