आज रात को हम उन्हें तारे दिखा लाए
पास की पहाडी पर
रेत का बिछोना है
खुली आंखों ने
ख्यालों मैं लेटे
कुछ तारे इधर देखे
कुछ उधर देखे
इतने मैं हवा sarsarai
तारों से भरा आसमान दिखाई दिया
कुछ कहते हैं पीर-पैगम्बर का घर यहीं
थोड़े नमन किए
थोडी साँस ली
इबादत
इबादत
हमारी आंखों ने की
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